mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Thursday, December 27, 2012
न सुनो, गर बुरा कहे कोई, न कहो, गर बुरा करे कोई,
रोक लो, गर ग़लत चले कोई, बख्श दो गर ख़ता करे कोई।
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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