दर्द हो दिल में तो दवा कीजे
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे
हमको फ़रियाद करनी आती है
आप सुनते नहीं तो क्या कीजे
रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी
पहले दिल दर्द आशना कीजे
मौत आतीं नहीं कहीं, ग़ालिब
कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे
[(रंज = दुःख), (आशना = मित्र, दोस्त, परिचित), (जीस्त = जीवन)]
-मिर्ज़ा ग़ालिब
दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजे
हमको फ़रियाद करनी आती है
आप सुनते नहीं तो क्या कीजे
रंज उठाने से भी ख़ुशी होगी
पहले दिल दर्द आशना कीजे
मौत आतीं नहीं कहीं, ग़ालिब
कब तक अफ़सोस जीस्त का कीजे
[(रंज = दुःख), (आशना = मित्र, दोस्त, परिचित), (जीस्त = जीवन)]
-मिर्ज़ा ग़ालिब
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