Wednesday, September 11, 2013

तुझे कौन जानता था, मेरी दोस्ती से पहले
तेरा हुस्न कुछ नहीं था, मेरी शायरी से पहले

इधर आ रक़ीब मेरे, मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था, तेरी दुश्मनी से पहले

-कैफ़ भोपाली

1 comment: