तुझे कौन जानता था, मेरी दोस्ती से पहले
तेरा हुस्न कुछ नहीं था, मेरी शायरी से पहले
इधर आ रक़ीब मेरे, मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था, तेरी दुश्मनी से पहले
-कैफ़ भोपाली
तेरा हुस्न कुछ नहीं था, मेरी शायरी से पहले
इधर आ रक़ीब मेरे, मैं तुझे गले लगा लूँ
मेरा इश्क़ बे-मज़ा था, तेरी दुश्मनी से पहले
-कैफ़ भोपाली
Wow!!!!
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