सरापा आरज़ू होने ने बंदा कर दिया हमको,
वगर्ना हम ख़ुदा थे, गर दिल-ए-बेमुद्दआ होते।
-मीर
सरापा = सर से पाँव तक, आदि से अंत तक
आरज़ू = आकांक्षा, इच्छा, अभिलाषा
बंदा = इंसान, सेवक
दिल-ए-बेमुद्दआ = वासना रहित हृदय
वगर्ना हम ख़ुदा थे, गर दिल-ए-बेमुद्दआ होते।
-मीर
सरापा = सर से पाँव तक, आदि से अंत तक
आरज़ू = आकांक्षा, इच्छा, अभिलाषा
बंदा = इंसान, सेवक
दिल-ए-बेमुद्दआ = वासना रहित हृदय
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