Sunday, September 15, 2013

चमन का नाम सुना था, वले न देखा हाय !
जहाँ में हमने, क़फ़स ही में ज़िंदगानी की
-मीर

चमन = बगीचा, उद्द्यान
वले = मगर
क़फ़स = पिंजरा  

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