दर्द काफी है बेख़ुदी के लिए
मौत लाज़िम है ज़िन्दगी के लिए
कौन मरता है यूँ किसी के लिए
शम्आ जलती है रौशनी के लिए
किसको सजदा करूँ मैं सहरा में
दर ज़रूरी है बंदगी के लिए
(सहरा = जंगल, रेगिस्तान)
जो मसलते हैं फूलों को नाहक
वो तरस जायेंगे कली के लिए
अपने रिन्दों को आज़मा ले ऐ साक़ी
जान दे देंगे मैकशी के लिए
(रिन्दों = शराबियों)
-शायर: नामालूम
रेशमा/ Reshma
मौत लाज़िम है ज़िन्दगी के लिए
कौन मरता है यूँ किसी के लिए
शम्आ जलती है रौशनी के लिए
किसको सजदा करूँ मैं सहरा में
दर ज़रूरी है बंदगी के लिए
(सहरा = जंगल, रेगिस्तान)
जो मसलते हैं फूलों को नाहक
वो तरस जायेंगे कली के लिए
अपने रिन्दों को आज़मा ले ऐ साक़ी
जान दे देंगे मैकशी के लिए
(रिन्दों = शराबियों)
-शायर: नामालूम
रेशमा/ Reshma
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