हम सायाए महताब में पाले भी गए हैं,
और कितनी बहारों से निकाले भी गए हैं।
(सायाए महताब = चन्द्रमा की छाँव)
रहबर ही का अहसान नहीं राहे जुनूँ पर,
कुछ दूर मेरे पांव के छाले भी गए हैं।
[(रहबर = रास्ता दिखाने वाला, पथप्रदर्शक), (राहे जुनूँ = दीवानगी का रास्ता)]
-नुशूर वाहिदी
और कितनी बहारों से निकाले भी गए हैं।
(सायाए महताब = चन्द्रमा की छाँव)
रहबर ही का अहसान नहीं राहे जुनूँ पर,
कुछ दूर मेरे पांव के छाले भी गए हैं।
[(रहबर = रास्ता दिखाने वाला, पथप्रदर्शक), (राहे जुनूँ = दीवानगी का रास्ता)]
-नुशूर वाहिदी
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