सब से जीती भी रहे, सब की चहेती भी रहे,
ज़िन्दगी, ऐसे तुझे कौन गुज़रने देगा ।
दिल को समझाओ कि बेकार परेशां है 'वसीम',
अपनी मनमानी उसे कोई न करने देगा ।
-वसीम बरेलवी
ज़िन्दगी, ऐसे तुझे कौन गुज़रने देगा ।
दिल को समझाओ कि बेकार परेशां है 'वसीम',
अपनी मनमानी उसे कोई न करने देगा ।
-वसीम बरेलवी
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