Tuesday, March 26, 2013

कफ़स की तामीर में मुआविन तेरी नशेमन-पसन्दियाँ हैं,
वगर्ना परवाज़ के लिए बुलन्दियाँ ही बुलन्दियाँ हैं ।
-एहसान दानिश

[(कफ़स = पिंजड़ा), (तामीर = निर्माण/ भवन निर्माण), (मुआविन = सहायक), (नशेमन-पसन्दियाँ = घर बनाने की इच्छा/ प्रयास), (परवाज़ = उड़ान)]

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