है हुसूल-ए-आरज़ू का राज़ तर्क-ए-आरज़ू,
मैंने दुनिया छोड़ दी तो मिल गई दुनिया मुझे ।
[(हुसूल-ए-आरज़ू = इच्छा-पूर्ती), (तर्क-ए-आरज़ू = इच्छाओं का त्याग)]
-सीमाब अकबराबादी
मैंने दुनिया छोड़ दी तो मिल गई दुनिया मुझे ।
[(हुसूल-ए-आरज़ू = इच्छा-पूर्ती), (तर्क-ए-आरज़ू = इच्छाओं का त्याग)]
-सीमाब अकबराबादी
No comments:
Post a Comment