Sunday, March 3, 2013

बुरे दिनों से बचाना मुझे मेरे मौला,
क़रीबी दोस्त भी बचकर निकलने लगते हैं।

बुलन्दियों का तसव्वुर भी ख़ूब होता है,
कभी कभी तो मेरे पर निकलने लगते हैं।
-राहत इन्दौरी

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