Wednesday, May 8, 2013

माना की मैं हूँ ख़ाक-नशीं आप हैं वज़ीर,
फिर भी न तर्के-रस्मे-मुलाक़ात कीजिये।
जिसने दिया था वोट इलेक्शन में आपको,
सरकार मैं वही हूँ ज़रा बात कीजिये ।
-रईस अमरोहवी

(तर्के-रस्मे-मुलाक़ात = मिलने का त्याग, ना मिलना)

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