mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Friday, May 3, 2013
ये कह-कह के हम दिल को बहला रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं ।
-जिगर मुरादाबादी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment