Friday, May 3, 2013

मज़हब ने पुकारा ऐ अकबर,
अल्लाह नहीं तो कुछ भी नहीं।
औरों ने कहा ये क़ौल ग़लत,
तनख़्वाह नहीं तो कुछ भी नहीं।
-अकबर इलाहाबादी

(क़ौल = कथन)

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