Monday, May 6, 2013

सुपुर्द कौन से क़ातिल को ख़्वाब करना है,
फिर एक बार हमें इन्तिख़ाब करना है ।
-राहत इन्दौरी

(इन्तिख़ाब = चुनाव) 

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