Friday, July 5, 2013

सितारों के आगे जहां और भी हैं

सितारों के आगे जहां और भी हैं
अभी इश्क़ के इम्तिहां और भी हैं

तही ज़िन्दगी से नहीं ये फ़ज़ाएं,
यहां सैकड़ों कारवां और भी हैं

(तही = खाली, रिक्त)

क़ना'अत न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू पर,
चमन और भी, आशियां और भी हैं

[(क़ना'अत = संतोष), (आलम-ए-रंग-ओ-बू = इन्द्रीय संसार)]

अगर खो गया एक नशेमन तो क्या ग़म,
मक़ामात-ए-आह-ओ-फ़ुग़ां और भी हैं

(मक़ामात-ए-आह-ओ-फ़ुग़ां = रोने-धोने की जगहें)

तू शाहीं है, परवाज़ है काम तेरा
तेरे सामने आसमां और भी हैं

(शाहीं = गरुड़, उक़ाब, परवाज़ = उड़ान भरना)

इसी रोज़-ओ-शब में उलझकर न रह जा,
के तेरे ज़मीन-ओ-मकां और भी हैं

(रोज़-ओ-शब = सुबह-शाम के चक्कर)

गए दिन, के तन्हा था मैं अंजुमन में
यहां अब मेरे राज़दां और भी हैं

(अंजुमन = सभा)

- अल्लामा इक़बाल

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