Saturday, December 14, 2013

आंधी ने रौशनी की हिमायत तो की बहुत
लेकिन कोई चराग़ जलाने नहीं दिया

राज़ी था मैं भी और मेरा दुश्मन भी सुलह पर
कुछ दोस्तों ने हाथ मिलाने नहीं दिया
-नवाज़ देवबंदी

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