Monday, December 16, 2013

कुछ दोस्तों को हमने निभाया बहुत दिनों
घाटे का कारोबार चलाया बहुत दिनों

हर इक सितम पर दाद दी, हर ज़ख्म पर दुआ
हमने भी दुश्मनों को सताया बहुत दिनों
-नवाज़ देवबंदी

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