Sunday, December 15, 2013

तेरे आने की जब ख़बर महके
तेरी ख़ुशबू से सारा घर महके

शाम महके तेरे तसव्वुर से
शाम के बाद फिर सहर महके

 (तसव्वुर = ख़याल, विचार, याद), (सहर = सुबह)

रात भर सोचता रहा तुझको
ज़हन-ओ-दिल मेरे रात भर महके

(ज़हन-ओ-दिल = दिमाग़ और दिल)

याद आए तो दिल मुनव्वर हो
दीद हो जाए तो नज़र महके

 (मुनव्वर = प्रकाशमान, प्रज्ज्वलित), (दीद= दर्शन, दीदार)

वो घड़ी दो घड़ी जहाँ बैठे
वो ज़मीं महके वो शजर महके

(शजर = पेड़)

-नवाज़ देवबंदी


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