सिर्फ़ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए
ए ख़ुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए
मैंने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया
इक समन्दर कह रहा था मुझको पानी चाहिए
-राहत इन्दौरी
ए ख़ुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए
मैंने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया
इक समन्दर कह रहा था मुझको पानी चाहिए
-राहत इन्दौरी
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