mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Thursday, October 16, 2014
दरिया चढ़ा तो पानी नशेबों में भर गया
अब के भी बारिशों में हमारा ही घर गया
-इजलाल मजीद
(नशेबों = नीची जगहों)
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