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Spiritual Science
Saturday, November 1, 2014
आती है बार बार कोई बात मुझको याद
कहता हूँ दौड़ दौड़ के क़ासिद से राह में
-दाग़ देहलवी
(क़ासिद = पत्रवाहक, डाकिया)
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