Saturday, December 20, 2014

है कहाँ, तमन्ना का दूसरा कदम, यारब
हमने दश्त-ए-इम्काँ को, एक नक़्श-ए-पा पाया
-मिर्ज़ा ग़ालिब

तमन्ना = कामना, इच्छा 
यारब = ऐ ख़ुदा, ईश्वर 
दश्त-ए-इम्काँ = संभावनाओं का जंगल, सम्भावना क्षेत्र, संसार
नक़्श-ए-पा = पदचिन्ह


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