इशरत-ए-क़तरा है, दरिया में फ़ना हो जाना
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना
(इशरत-ए-क़तरा = बूंद का ऐश्वर्य), (फ़ना = नष्ट, विलीन)
-मिर्ज़ा ग़ालिब
दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना
(इशरत-ए-क़तरा = बूंद का ऐश्वर्य), (फ़ना = नष्ट, विलीन)
-मिर्ज़ा ग़ालिब
No comments:
Post a Comment