जो भी टूटा है वो टूटा है सँवरने के लिए
कौन रोता है तेरी याद में मरने के लिए
आँख नम होती है जब भी मैं समझ लेता हूँ
कोई खुशबू सी है तैयार बिखरने के लिए
तोड़ना चाहो जो वादे तो सबब मत ढूंढो
बेजुबानी भी बहुत होगी मुकरने के लिए
(सबब = कारण)
अबके पानी के बरसने का सबब तू जाने
रंग बरसे हैं तेरी मांग ही भरने के लिए
ज़िद पे आ जाऊँ तो खुद को भी डुबो देता हूँ
हौसला चाहिए दरिया में उतरने के लिए
तंग हाथों भी बहुत खर्च किया है खुद को
मेरी आदत है बहुत हद से गुजरने के लिए
-अस्तित्व अंकुर
कौन रोता है तेरी याद में मरने के लिए
आँख नम होती है जब भी मैं समझ लेता हूँ
कोई खुशबू सी है तैयार बिखरने के लिए
तोड़ना चाहो जो वादे तो सबब मत ढूंढो
बेजुबानी भी बहुत होगी मुकरने के लिए
(सबब = कारण)
अबके पानी के बरसने का सबब तू जाने
रंग बरसे हैं तेरी मांग ही भरने के लिए
ज़िद पे आ जाऊँ तो खुद को भी डुबो देता हूँ
हौसला चाहिए दरिया में उतरने के लिए
तंग हाथों भी बहुत खर्च किया है खुद को
मेरी आदत है बहुत हद से गुजरने के लिए
-अस्तित्व अंकुर
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