सियाहियों को निगलता हुआ नज़र आया
कोई चिराग़ तो जलता हुआ नज़र आया
दुखों ने राब्ते मज़बूत कर दिए अपने
तमाम शहर बदलता हुआ नज़र आया
(राब्ते = मेल-जोल, संबंध)
ये प्यास मुझको ज़मीं पर गिराने वाली थी
कि एक चश्मा उबलता हुआ नज़र आया
(चश्मा = पानी का सोता)
वो मेरे साथ भला कितनी दूर जाएगा
जो हर कदम पे सँभलता हुआ नज़र आया
नई हवा से बचूँ कैसे मैं कि शहर मेरा
नए मिज़ाज में ढलता हुआ नज़र आया
तवक़्क़आत ही उठने लगीं ज़माने से
जो एक शख़्स बदलता हुआ नज़र आया
(तवक़्क़आत = उम्मीदें, आशाएं)
शिकस्त दे के मुझे खुश तो था बहुत 'आलम'
मगर वो हाथ भी मलता हुआ नज़र आया।
- आलम खुर्शीद
कोई चिराग़ तो जलता हुआ नज़र आया
दुखों ने राब्ते मज़बूत कर दिए अपने
तमाम शहर बदलता हुआ नज़र आया
(राब्ते = मेल-जोल, संबंध)
ये प्यास मुझको ज़मीं पर गिराने वाली थी
कि एक चश्मा उबलता हुआ नज़र आया
(चश्मा = पानी का सोता)
वो मेरे साथ भला कितनी दूर जाएगा
जो हर कदम पे सँभलता हुआ नज़र आया
नई हवा से बचूँ कैसे मैं कि शहर मेरा
नए मिज़ाज में ढलता हुआ नज़र आया
तवक़्क़आत ही उठने लगीं ज़माने से
जो एक शख़्स बदलता हुआ नज़र आया
(तवक़्क़आत = उम्मीदें, आशाएं)
शिकस्त दे के मुझे खुश तो था बहुत 'आलम'
मगर वो हाथ भी मलता हुआ नज़र आया।
- आलम खुर्शीद
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