सोचा है के अब कार-ए-मसीहा न करेंगे
वो ख़ून भी थूकेगा तो परवा न करेंगे
(कार-ए-मसीहा = मसीहा की तरह काम)
इस बार वो तल्ख़ी है के रूठे भी नहीं हम
अब के वो लड़ाई है के झगड़ा न करेंगे
ऐसा है के सीने में सुलगती हैं ख़राशें
अब साँस भी हम लेंगे तो अच्छा न करेंगे
-जॉन एलिया
वो ख़ून भी थूकेगा तो परवा न करेंगे
(कार-ए-मसीहा = मसीहा की तरह काम)
इस बार वो तल्ख़ी है के रूठे भी नहीं हम
अब के वो लड़ाई है के झगड़ा न करेंगे
ऐसा है के सीने में सुलगती हैं ख़राशें
अब साँस भी हम लेंगे तो अच्छा न करेंगे
-जॉन एलिया
No comments:
Post a Comment