बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है
तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा
बोल कि जाँ अब तक तेरी है
देख के आहनगर की दुकाँ में
तुंद हैं शोले सुर्ख़ है आहन
(आहनगर = लोहार), (तुंद = तेज़, भीषण), (आहन = लोहा)
खुलने लगे क़ुफ़्लों के दहाने
फैला हर इक ज़न्जीर का दामन
(क़ुफ़्लों = तालों), (दहाने = मुँह, छेद)
बोल ये थोड़ा वक़्त बहुत है
जिस्म-ओ-ज़बाँ की मौत से पहले
बोल कि सच ज़िंदा है अब तक
बोल जो कुछ कहना है कह ले
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
बोल ज़बाँ अब तक तेरी है
तेरा सुतवाँ जिस्म है तेरा
बोल कि जाँ अब तक तेरी है
देख के आहनगर की दुकाँ में
तुंद हैं शोले सुर्ख़ है आहन
(आहनगर = लोहार), (तुंद = तेज़, भीषण), (आहन = लोहा)
खुलने लगे क़ुफ़्लों के दहाने
फैला हर इक ज़न्जीर का दामन
(क़ुफ़्लों = तालों), (दहाने = मुँह, छेद)
बोल ये थोड़ा वक़्त बहुत है
जिस्म-ओ-ज़बाँ की मौत से पहले
बोल कि सच ज़िंदा है अब तक
बोल जो कुछ कहना है कह ले
-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Tina Sani
Shabana Azmi
Fariha Pervez
Mesmerizing...
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