Friday, October 7, 2016

राज़ मेरे दिल का अब जो आम है

राज़ मेरे दिल का अब जो आम है
ये यक़ीनन आँसुओं का काम है

चारागर तेरा यहाँ क्या काम है
यार की तस्वीर से आराम है

(चारागर = चिकित्सक)

अश्क तो ख़ुशियों की चाहत ने दिये
ग़म बेचारा मुफ़्त में बदनाम है

(अश्क = आँसू)

बोझ बन जाती है दिल पर हर उमीद
ना-उमीदी में बड़ा आराम है

आज इधर का रुख़ किया क्यों ज़िंदगी !
मुझसे ऐसा क्या ज़रूरी काम है

अब तो अख़बारों में पढ़ लेता हूँ मैं
आज मुझ पर कौन सा इल्ज़ाम है

- राजेश रेड्डी

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