हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब
(गाम = कदम, पग)
ज़िंदा हक़ीक़तों के तलातुम हैं सामने
ख़्वाबों की कश्तियों से उतर जाइए जनाब
(तलातुम = तूफ़ान, बाढ़, पानी का लहराना)
इंकार की सलीब हूँ सच्चाइयों का ज़हर
मुझ से मिले बग़ैर गुज़र जाइए जनाब
(सलीब = सूली)
दिन का सफ़र तो कट गया सूरज के साथ साथ
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब
(शब = रात), (अंजुमन = सभा, महफ़िल)
कोई चुरा के ले गया सदियों का ए'तिक़ाद
मिम्बर की सीढ़ियों से उतर जाइए जनाब
(ए'तिक़ाद = श्रद्धा, आस्था, विश्वास, यकीन, भरोसा), (मिम्बर = उपदेश-मंच, भाषण-मंच)
-अमीर क़ज़लबाश
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब
(गाम = कदम, पग)
ज़िंदा हक़ीक़तों के तलातुम हैं सामने
ख़्वाबों की कश्तियों से उतर जाइए जनाब
(तलातुम = तूफ़ान, बाढ़, पानी का लहराना)
इंकार की सलीब हूँ सच्चाइयों का ज़हर
मुझ से मिले बग़ैर गुज़र जाइए जनाब
(सलीब = सूली)
दिन का सफ़र तो कट गया सूरज के साथ साथ
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब
(शब = रात), (अंजुमन = सभा, महफ़िल)
कोई चुरा के ले गया सदियों का ए'तिक़ाद
मिम्बर की सीढ़ियों से उतर जाइए जनाब
(ए'तिक़ाद = श्रद्धा, आस्था, विश्वास, यकीन, भरोसा), (मिम्बर = उपदेश-मंच, भाषण-मंच)
-अमीर क़ज़लबाश
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