अख़लाक़ न बरतेंगे मुदारा न करेंगे
अब हम किसी शख़्स की परवाह न करेंगे
(अख़लाक़ = इख़लाक़ = शिष्टाचार, सद्वृत्ति), (मुदारा = सम्मानित, आदर देना)
कुछ लोग कई लफ़्ज़ ग़लत बोल रहे हैं
इस्लाह मगर हम भी अब इस्लाह न करेंगे
(इस्लाह = बिगड़ी हुई अवस्था का सुधार, ठीक करना, त्रुटियाँ दूर करना, शुद्धि, संशोधन)
कमगोई के एक वस्फ़-ए-हिमाक़त है बहर तौर
कमगोई को अपनाएँगे चहका न करेंगे
(कमगोई = कम बोलना), (वस्फ़-ए-हिमाक़त = मूर्खतापूर्ण ख़ूबी), (बहर =लिए, वास्ते, प्रति), (तौर = ढंग, पध्यति, शैली)
अब सहल पसंदी को बनाएँगे वतीर:
ता देर किसी बाब में सोचा न करेंगे
(सहल = सहज, आसान), (वतीर:= ढंग, पद्दति , शैली, आचरण, व्यवहार), (बाब = किताब का अध्याय, परिच्छेद)
ग़ुस्सा भी है तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ का तलबगार
हम चुप हैं, भरे बैठे हैं, ग़ुस्सा न करेंगे
(तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ = संबंधों\ लगाव\ प्रेम-व्यवहार का शिष्टाचार)
कल रात बहुत ग़ौर किया है, सो हम ए 'जॉन'
तय कर के उठे हैं के तमन्ना न करेंगे
-जॉन एलिया
अब हम किसी शख़्स की परवाह न करेंगे
(अख़लाक़ = इख़लाक़ = शिष्टाचार, सद्वृत्ति), (मुदारा = सम्मानित, आदर देना)
कुछ लोग कई लफ़्ज़ ग़लत बोल रहे हैं
इस्लाह मगर हम भी अब इस्लाह न करेंगे
(इस्लाह = बिगड़ी हुई अवस्था का सुधार, ठीक करना, त्रुटियाँ दूर करना, शुद्धि, संशोधन)
कमगोई के एक वस्फ़-ए-हिमाक़त है बहर तौर
कमगोई को अपनाएँगे चहका न करेंगे
(कमगोई = कम बोलना), (वस्फ़-ए-हिमाक़त = मूर्खतापूर्ण ख़ूबी), (बहर =लिए, वास्ते, प्रति), (तौर = ढंग, पध्यति, शैली)
अब सहल पसंदी को बनाएँगे वतीर:
ता देर किसी बाब में सोचा न करेंगे
(सहल = सहज, आसान), (वतीर:= ढंग, पद्दति , शैली, आचरण, व्यवहार), (बाब = किताब का अध्याय, परिच्छेद)
ग़ुस्सा भी है तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ का तलबगार
हम चुप हैं, भरे बैठे हैं, ग़ुस्सा न करेंगे
(तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ = संबंधों\ लगाव\ प्रेम-व्यवहार का शिष्टाचार)
कल रात बहुत ग़ौर किया है, सो हम ए 'जॉन'
तय कर के उठे हैं के तमन्ना न करेंगे
-जॉन एलिया
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