Sunday, December 31, 2017

देखो तो हर इक रंग से मिलता है मेरा रंग
सोचो तो हर इक बात है औरों से जुदा भी

यूँ तो मेरे हालात से वाक़िफ़ है ज़माना
लेकिन मुझे मिलता नहीं कुछ अपना पता भी
-अतहर नादिर

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