नहीं ! ऐसा नहीं है हम सभी को भूल जाते हैं
हमें जो भूल जाता है , उसी को भूल जाते हैं
सभी को याद रखना भी कभी मुमकिन नहीं होता
किसी को याद रखते हैं, किसी को भूल जाते हैं
कुछ ऐसे लोग हैं जिन को भुला देने की कोशिश में
कभी ख़ुद को कभी हम ज़िन्दगी को भूल जाते हैं
हमें औरों की खामी तो हमेशा याद रहती है
बुरा ये हैं कि हम अपनी कमी को भूल जाते हैं
हमारी बेसबब गहरी उदासी का सबब ये है
कि हम ग़म याद रखते हैं ख़ुशी को भूल जाते हैं
चमकती शाहराहों में कशिश ऐसी है कुछ आलम
कि लोग अपना नगर, अपनी गली को भूल जाते हैं
-आलम खुर्शीद
हमें जो भूल जाता है , उसी को भूल जाते हैं
सभी को याद रखना भी कभी मुमकिन नहीं होता
किसी को याद रखते हैं, किसी को भूल जाते हैं
कुछ ऐसे लोग हैं जिन को भुला देने की कोशिश में
कभी ख़ुद को कभी हम ज़िन्दगी को भूल जाते हैं
हमें औरों की खामी तो हमेशा याद रहती है
बुरा ये हैं कि हम अपनी कमी को भूल जाते हैं
हमारी बेसबब गहरी उदासी का सबब ये है
कि हम ग़म याद रखते हैं ख़ुशी को भूल जाते हैं
चमकती शाहराहों में कशिश ऐसी है कुछ आलम
कि लोग अपना नगर, अपनी गली को भूल जाते हैं
-आलम खुर्शीद
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