mir-o-ghalib
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Spiritual Science
Sunday, March 18, 2018
पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है
-अली सरदार जाफ़री
(उफ़ुक़ = क्षितिज)
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