हरा शजर न सही ख़ुश्क घास रहने दे
ज़मीं के जिस्म पे कोई लिबास रहने दे
(शजर = पेड़, वृक्ष), (ख़ुश्क घास = सूखी घास)
कहीं न राह में सूरज का क़हर टूट पड़े
तू अपनी याद मिरे आस-पास रहने दे
तसव्वुरात के लम्हों की क़द्र कर प्यारे
ज़रा सी देर तो ख़ुद को उदास रहने दे
(तसव्वुर = ख़याल, विचार, याद)
-सुल्तान अख़्तर
ज़मीं के जिस्म पे कोई लिबास रहने दे
(शजर = पेड़, वृक्ष), (ख़ुश्क घास = सूखी घास)
कहीं न राह में सूरज का क़हर टूट पड़े
तू अपनी याद मिरे आस-पास रहने दे
तसव्वुरात के लम्हों की क़द्र कर प्यारे
ज़रा सी देर तो ख़ुद को उदास रहने दे
(तसव्वुर = ख़याल, विचार, याद)
-सुल्तान अख़्तर
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