Tuesday, February 19, 2019

तीर कोई हो कमाँ कोई हो
चाहते हैं कि हदफ़ हो जाऊँ

(हदफ़  = लक्ष्य, निशाना, वह गोलाई जिस पर निशाना सीखने के लिए गोलियाँ मारते हैं)

इक ज़माना है हवाओं की तरफ़
मैं चराग़ों की तरफ़ हो जाऊँ

-मंज़ूर हाशमी

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