तीर कोई हो कमाँ कोई हो
चाहते हैं कि हदफ़ हो जाऊँ
(हदफ़ = लक्ष्य, निशाना, वह गोलाई जिस पर निशाना सीखने के लिए गोलियाँ मारते हैं)
इक ज़माना है हवाओं की तरफ़
मैं चराग़ों की तरफ़ हो जाऊँ
-मंज़ूर हाशमी
चाहते हैं कि हदफ़ हो जाऊँ
(हदफ़ = लक्ष्य, निशाना, वह गोलाई जिस पर निशाना सीखने के लिए गोलियाँ मारते हैं)
इक ज़माना है हवाओं की तरफ़
मैं चराग़ों की तरफ़ हो जाऊँ
-मंज़ूर हाशमी
No comments:
Post a Comment