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Spiritual Science
Thursday, April 25, 2019
हज़ार रुख़ तिरे मिलने के हैं न मिलने में
किसे फ़िराक़ कहूँ और किसे विसाल कहूँ
-रविश सिद्दीक़ी
(फ़िराक़ - वियोग, विरह, जुदाई), (विसाल = मिलन)
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