Saturday, May 25, 2019

तन्हाई की बीन बजाता जाएगा

तन्हाई की बीन बजाता जाएगा
जोगी अपनी धुन में गाता जाएगा

रात सियाही कंबल ओढ़े बैठी है
दिन सारे अरमान थकाता जाएगा

(सियाही = काली)

मंदिर-मस्जिद गिरजाघर या गुरुद्वारा
कहाँ कहाँ हमको भटकाता जाएगा

मौत कहाँ आसान डगर है हमअसरों
धीरे-धीरे सब कुछ जाता जाएगा

(हमअसरों = दोस्तों)

ये 'मलंग' अपना अपना सरमाया है
कोई खोता कोई पाता जाएगा

(सरमाया = संपत्ति, धन-दौलत, पूँजी)

- सुधीर बल्लेवार 'मलंग'



No comments:

Post a Comment