तन्हाई की बीन बजाता जाएगा
जोगी अपनी धुन में गाता जाएगा
रात सियाही कंबल ओढ़े बैठी है
दिन सारे अरमान थकाता जाएगा
(सियाही = काली)
मंदिर-मस्जिद गिरजाघर या गुरुद्वारा
कहाँ कहाँ हमको भटकाता जाएगा
मौत कहाँ आसान डगर है हमअसरों
धीरे-धीरे सब कुछ जाता जाएगा
(हमअसरों = दोस्तों)
ये 'मलंग' अपना अपना सरमाया है
कोई खोता कोई पाता जाएगा
(सरमाया = संपत्ति, धन-दौलत, पूँजी)
- सुधीर बल्लेवार 'मलंग'
जोगी अपनी धुन में गाता जाएगा
रात सियाही कंबल ओढ़े बैठी है
दिन सारे अरमान थकाता जाएगा
(सियाही = काली)
मंदिर-मस्जिद गिरजाघर या गुरुद्वारा
कहाँ कहाँ हमको भटकाता जाएगा
मौत कहाँ आसान डगर है हमअसरों
धीरे-धीरे सब कुछ जाता जाएगा
(हमअसरों = दोस्तों)
ये 'मलंग' अपना अपना सरमाया है
कोई खोता कोई पाता जाएगा
(सरमाया = संपत्ति, धन-दौलत, पूँजी)
- सुधीर बल्लेवार 'मलंग'
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