धुएँ से आसमाँ का रंग मैला होता जाता है
हरे जंगल बदलते जा रहे हैं कार-ख़ानों में
ज़बानों पर उलझते दोस्तों को कौन समझाए
मोहब्बत की ज़बाँ मुम्ताज़ है सारी ज़बानों में
(मुम्ताज़ = प्रतिष्ठित, मुख्य, विशिष्ट, खास)
-अहमद मुश्ताक़
हरे जंगल बदलते जा रहे हैं कार-ख़ानों में
ज़बानों पर उलझते दोस्तों को कौन समझाए
मोहब्बत की ज़बाँ मुम्ताज़ है सारी ज़बानों में
(मुम्ताज़ = प्रतिष्ठित, मुख्य, विशिष्ट, खास)
-अहमद मुश्ताक़
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