Thursday, June 13, 2019

शदीद प्यास थी फिर भी छुआ न पानी को
मैं देखता रहा दरिया तिरी रवानी को

(शदीद = कठिन, मुश्किल, कठोर, घोर, प्रचंड, तीव्र, तेज़, अत्याधिक), (रवानी = बहाव, प्रवाह)

जो चाहता है कि इक़बाल हो सिवा तेरा
तो सब में बाँट बराबर से शादमानी को

(इक़बाल = प्रताप, तेज, जलाल, सौभाग्य, खुशकिस्मती, समृद्धि), (शादमानी = खुशी)

-शहरयार

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