बने-बनाए से रस्तों का सिलसिला निकला
नया सफ़र भी बहुत ही गुरेज़-पा निकला
(गुरेज़-पा = छलने वाला, कपटपूर्ण, गोलमाल)
न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही
जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला
हमें तो रास न आई किसी की महफ़िल भी
कोई ख़ुदा कोई हम-साया-ए-ख़ुदा निकला
हज़ार तरह की मय पी हज़ार तरह के ज़हर
न प्यास ही बुझी अपनी न हौसला निकला
हमारे पास से गुज़री थी एक परछाईं
पुकारा हम ने तो सदियों का फ़ासला निकला
अब अपने-आप को ढूँडें कहाँ कहाँ जा कर
अदम से ता-ब-अदम अपना नक़्श-ए-पा निकला
(अदम = परलोक, शून्य, अस्तित्व हीनता), (ता-ब-अदम = अनंत काल), (नक़्श-ए-पा = पैरों के निशान, पदचिन्ह)
-ख़लील-उर-रहमान आज़मी
नया सफ़र भी बहुत ही गुरेज़-पा निकला
(गुरेज़-पा = छलने वाला, कपटपूर्ण, गोलमाल)
न जाने किस की हमें उम्र भर तलाश रही
जिसे क़रीब से देखा वो दूसरा निकला
हमें तो रास न आई किसी की महफ़िल भी
कोई ख़ुदा कोई हम-साया-ए-ख़ुदा निकला
हज़ार तरह की मय पी हज़ार तरह के ज़हर
न प्यास ही बुझी अपनी न हौसला निकला
हमारे पास से गुज़री थी एक परछाईं
पुकारा हम ने तो सदियों का फ़ासला निकला
अब अपने-आप को ढूँडें कहाँ कहाँ जा कर
अदम से ता-ब-अदम अपना नक़्श-ए-पा निकला
(अदम = परलोक, शून्य, अस्तित्व हीनता), (ता-ब-अदम = अनंत काल), (नक़्श-ए-पा = पैरों के निशान, पदचिन्ह)
-ख़लील-उर-रहमान आज़मी
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