ऐसे लम्हे भी तो आते हैं के काटे न कटें
और कभी साल भी पल भर में गुज़र जाते हैं
हम मरेंगे तो किसी बात की ख़ातिर, वरना
लोग मरने को तो बिन बात ही मर जाते हैं
-राजकुमार "क़ैस"
और कभी साल भी पल भर में गुज़र जाते हैं
हम मरेंगे तो किसी बात की ख़ातिर, वरना
लोग मरने को तो बिन बात ही मर जाते हैं
-राजकुमार "क़ैस"
No comments:
Post a Comment