Tuesday, July 9, 2019

ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं था
क़ाइल ही तिरी बात का अंदर से नहीं था
-राजेन्द्र मनचंदा बानी

(क़ाइल = सहमत, राज़ी)

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