ढूंढता है ज़मीन में प्यारे
सांप हैं आस्तीन में प्यारे।
मैं न मंदिर में हूँ न मस्ज़िद में
मैं हूँ तेरे यक़ीन में प्यारे।
मैं मुहब्बत के लफ्ज़ में हूँ बस
हूँ वफ़ा में मैं दीन में प्यारे।
(दीन = पंथ, मत, धर्म)
उसकी आदत है मेरे ढूंढेगा
ऐब वो खुर्दबीन में प्यारे।
(खुर्दबीन = Microscope)
उसको मालूम है कि नाटक में
किसको मरना है सीन में प्यारे।
ज़िन्दगी कट रही है रफ़्ता रफ़्ता
वक़्त की इस मशीन में प्यारे।
(रफ़्ता रफ़्ता = धीरे धीरे)
- विकास वाहिद
३१/०७/२०१९
सांप हैं आस्तीन में प्यारे।
मैं न मंदिर में हूँ न मस्ज़िद में
मैं हूँ तेरे यक़ीन में प्यारे।
मैं मुहब्बत के लफ्ज़ में हूँ बस
हूँ वफ़ा में मैं दीन में प्यारे।
(दीन = पंथ, मत, धर्म)
उसकी आदत है मेरे ढूंढेगा
ऐब वो खुर्दबीन में प्यारे।
(खुर्दबीन = Microscope)
उसको मालूम है कि नाटक में
किसको मरना है सीन में प्यारे।
ज़िन्दगी कट रही है रफ़्ता रफ़्ता
वक़्त की इस मशीन में प्यारे।
(रफ़्ता रफ़्ता = धीरे धीरे)
- विकास वाहिद
३१/०७/२०१९
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