Friday, August 30, 2019

न हो मोड़ तो फिर कहानी है क्या

न हो मोड़ तो फिर कहानी है क्या
अगर आग ना हो जवानी है क्या

हंसी बेसबब सी लबों पे है क्यूं
कोई चोट दिल में पुरानी है क्या

कहीं जो मिली तो बताओगे क्या
रखी ज़िन्दगी की निशानी है क्या

यहां बात करने के हैं क़ायदे
बतानी है क्या औ छुपानी है क्या

अजब है सियासत का तर्जे बयां
कहा क्या गया है मआनी है क्या

तुम्हे क्या पता कामयाबी का रंग
कभी धूप में ख़ाक छानी है क्या

- विकास"वाहिद"
२९/०८/२०१९

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