mir-o-ghalib
जगजीत-चित्रा जी की ग़ज़लों और नज़्मों के लिए यहाँ क्लिक करें
मीर तक़ी मीर और मिर्ज़ा ग़ालिब के चाहने वाले ये ब्लॉग भी देखें: मीर-ओ-ग़ालिब
Spiritual Science
Wednesday, August 7, 2019
अश्क आँखों में अब हैं आए से
बात छुपती नहीं छुपाए से
अपनी बातें कहें तो किस से कहें
सब यहाँ लोग हैं पराए से
-हबीब जालिब
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment