हालत-ए-हिज्र में जो रक़्स नहीं कर सकता
उस के हक़ में यही बेहतर है कि पागल हो जाए
-अब्बास ताबिश
(हालत-ए-हिज्र = जुदाई की हालत) , (रक़्स = नृत्य)
उस के हक़ में यही बेहतर है कि पागल हो जाए
-अब्बास ताबिश
(हालत-ए-हिज्र = जुदाई की हालत) , (रक़्स = नृत्य)
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