याद में उसकी भीगा कर
फूलों जैसा महका कर
भीड़ में ख़ुद को तन्हा कर
ये मंज़र भी देखा कर
बूढ़ों में भी बैठा कर
बच्चों से भी खेला कर
सबको राह दिखा लेकिन
अपनी राह भी देखा कर
किससे भूल नहीं होती
इतना भी मत सोचा कर
तू भी दौलत से भर जा
सबके ग़म को अपनाकर
जन्नत किसने देखी है
जीवन जन्नत जैसा कर
प्यार की अपनी आँखें हैं
देख ही लेगा देखा कर
-हस्तीमल हस्ती
फूलों जैसा महका कर
भीड़ में ख़ुद को तन्हा कर
ये मंज़र भी देखा कर
बूढ़ों में भी बैठा कर
बच्चों से भी खेला कर
सबको राह दिखा लेकिन
अपनी राह भी देखा कर
किससे भूल नहीं होती
इतना भी मत सोचा कर
तू भी दौलत से भर जा
सबके ग़म को अपनाकर
जन्नत किसने देखी है
जीवन जन्नत जैसा कर
प्यार की अपनी आँखें हैं
देख ही लेगा देखा कर
-हस्तीमल हस्ती
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