इस से पहले की बेवफ़ा हो जाएं
क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएं
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएं?
हम भी मजबूरियों का उज्र करे
और कहीं और मुब्तला हो जाएं
[(उज्र = आपत्ति, विरोध, क्षमा-याचना); (मुब्तला = विपत्ति में फंसा हुआ, ग्रस्त)]
इश्क भी खेल है नसीबों का
ख़ाक हो जाएँ किमीयाँ हो जाएं
[किमीयाँ = सोना बनाने की रासायनिक क्रिया]
अब के गर तू मिले की हम तुझसे
ऐसे लिपटे की तेरी कबा हो जाएं
[कबा = एक प्रकार का लम्बा ढीला पहनावा]
बंदगी हमने छोड़ दी है 'फ़राज़'
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएं
-अहमद 'फ़राज़'
Source: http://gunche.blogspot.in
क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएं
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएं?
हम भी मजबूरियों का उज्र करे
और कहीं और मुब्तला हो जाएं
[(उज्र = आपत्ति, विरोध, क्षमा-याचना); (मुब्तला = विपत्ति में फंसा हुआ, ग्रस्त)]
इश्क भी खेल है नसीबों का
ख़ाक हो जाएँ किमीयाँ हो जाएं
[किमीयाँ = सोना बनाने की रासायनिक क्रिया]
अब के गर तू मिले की हम तुझसे
ऐसे लिपटे की तेरी कबा हो जाएं
[कबा = एक प्रकार का लम्बा ढीला पहनावा]
बंदगी हमने छोड़ दी है 'फ़राज़'
क्या करें लोग जब ख़ुदा हो जाएं
-अहमद 'फ़राज़'
Source: http://gunche.blogspot.in
No comments:
Post a Comment